20 Part
379 times read
16 Liked
कविता---एक नई शुरुआत बीत गए गमों के बादल उग रहा है सबेरा अंतरिक्ष तक ढकी कालिमा स्वर्णिम रंग से सज रहा है अंधेरे से न थकें हम इतना कि रात काली ...